राजा और राज-परिवार के लोग भी अपनी आँखों से यह चमत्कार देखने आये
राजा की ख़ुशी का कोई पारावार न रहा
तब बालक बीरू ने क्रोध से भरकर राजा से कहा-
"हे राजा ! तुने दोलत के सहारे एक निष्कपट और बे-कसूर बालक की बलि देने का जो षड्यंत रचा है,
उसके लिए में तुम्हे श्राप देता हूँ कि तू जम्मू राज्य में किसी भी कुए ,सोते,तालाब या नदी का जल पिएगा-
तुझे उसी समय कोढ़ पड़ जायेगा
जो व्यक्ति ब्रह्म-रक्त से मिश्रित इस जल को पिएगा-
उसकी आने वाली पीढ़िया भी दरिद्र और निर्धन होंगी"
यह घोर श्राप देकर बालक बीरू कुएं से दूर चल पड़ा
दरबारियों ने इस श्राप के प्रभाव को खंडित करने के लिए
राजा को सलाह दी की आप ब्राह्मण बालक के पास जाकर
उससे क्षमा मांगे और उसे क्रोध छोड़कर अपने संग भोजन
करने के लिए आमंत्रित करें उसे अपने घर बापिस जाने को कहें
करने के लिए आमंत्रित करें उसे अपने घर बापिस जाने को कहें