तुम पकड़
के मेरा हाथ ,
बेड़ी पार
लगा दो नाथ ,
हमें
चाहिए तेरा साथ ॥
यह किरपा करना नाथ। ...
तुम भगतों
के कष्ट हो हरते ,
झोली में
खुशियां भरते ।
गोद हो
सूनी जिसकी ,
करते हो
उसे सनाथ ॥
यह किरपा करना नाथ। ...
जिस पर हो
तेरी दृष्टि ,
गुण गाए उसके
सृष्टि ।
कंचन हो
कोढ़ि -कुष्टि ,
चरणों में
झुकाऊँ माथ ॥
यह किरपा करना नाथ। ...
हे सुनहरी
जटाओ वाले ,
तुम काँच
के मुंदरे डाले ।
हे चिमटे
ओ झोली वाले ,
सुंदर हैं
तेरा ठाठ ॥
यह किरपा करना नाथ। ...