वहां गुरु गोरख
नाथ जी के बतलाये अनुसार अपनी
ऊँगली से बून्द भर
रक्त कुएं में गिराया । एक पत्थर
भी कुएं में फेंका
। उस समय एक चमत्कार हुआ ।
देखते ही देखते
कुएं में जल का सोता फुट पड़ा और
कुआ जल से भर गया
। सारे नगर में यह समाचार
फैल गया कि एक
बून्द रक्त से ही बीरू नमक बालक
ने कुएं के राक्षस
को पहले तृप्त किया,
फिर उसने पत्थर मर
कर भगा दिया ।